
तन्मय खंडूजा
नारायणा धाम से पश्चिम दिशा में 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित श्री कृष्ण सुदामा की मित्रता के साक्षी अवंतिका के गिरिराज श्री स्वर्णगिरी पर्वत की परिक्रमा ग्राम चिरमिया स्थित मुखारविंद से प्रतिमाह अनुसार इस माह भी पुत्रदा पवित्रा एकादशी के पावन पर्व पर दिनांक 5 अगस्त मंगलवार को प्रातः 9:00 बजे प्रारंभ होगी।
इस बार परिक्रमा में श्री श्री 1008 संत श्री कालिकानन्द जी महाराज पीठाधीश्वर मां हिंगलाज वाकडी माता सिद्धपीठ नलखेड़ा से भक्तों के साथ परिक्रमा में सम्मिलित होंगे।
प्रातः 9:00 बजे भगवान स्वर्णगिरी महाराज के मुखारविंद पर दुग्धाभिषेक एवं महाआरती होगी तत्पश्चात परिक्रमा आरंभ होगी।
परिक्रमा श्री वीर हनुमान मंदिर, आक्याधांगा श्री बालाजी धाम महू श्री कृष्ण सुदामा धाम नारायणा होते हुए पुनः स्वर्णगिरी धाम ग्राम चरणमया चिरमिया पहुंचेगी।
स्वर्णगिरी पर्वत परिक्रमा का पौराणिक महत्व यह है कि भगवान श्री कृष्ण और सुदामा उज्जैन सांदीपनि आश्रम की परंपरा का निर्वहन करते हुए गुरु माता के आदेश अनुसार इसी पर्वत पर लकड़ियां लेने आए थे इनके चरण पड़ने के कारण यह स्वर्ण के हो गए थे इस कारण इन्हें स्वर्णगिरी कहते हैं।
भगवान श्री कृष्ण की चरणरज इस पर्वत में समाहित हैं इस धार्मिक महत्व के चलते हैं संतजन और भक्तजन इस पर्वत की परिक्रमा करते हैं।
नारायणा से 3 किमी की दुरी पर पश्चिम दिशा में स्थित चिरमिया गांव में इस पर्वत का मुखारबिंद है।
श्री स्वर्णगिरी पर्वत तीर्थ क्षेत्र समिति ने क्षेत्र के सभी श्रद्धालुओं को आयोजन में पधारने का अनुरोध किया है।